पाँचवीं बार गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित हुईं अंजना सिन्हा ‘सखी’, रायगढ़
‘छंदबद्ध वृहत् हिंदी व्याकरण’ (विश्व के व्याकरणों में प्रथम छंदबद्ध रूपांतरित व्याकरण) में अपने सृजन के माध्यम से अंजना सिन्हा ‘सखी’ जी ने सक्रिय सहभागिता की, जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। इस ऐतिहासिक ग्रंथ का विमोचन 13 मई 2025 को राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में वृंदावन सभागार, रायपुर, छत्तीसगढ़ में अत्यंत भव्यता से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. पी.सी. लाल यादव ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ी फिल्मोद्योग व प्रांतीय राष्ट्रीय कवि संगम के अध्यक्ष आ. योगेश अग्रवाल, छंद के छ के अध्यक्ष आ. अरुण निगम, वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर शर्मा, राष्ट्रीय कवि संगम के महेश शर्मा व कमल शर्मा, तथा गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रांतीय प्रभारी सोनल शर्मा उपस्थित थे। साथ ही डॉ. विनय कुमार पाठक (पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग) भी आमंत्रित अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
मुंबई से राजकुमार छापड़िया और भोपाल से माधुरी दुबे की विशेष उपस्थिति इस आयोजन की शोभा बनी। इस साहित्यिक आयोजन का संचालन डॉ. ओमकार साहू ‘मृदुल’ द्वारा किया गया।
पाणिनी की अष्टाध्यायी तथा हिंदी व्याकरण को समकालीन दृष्टिकोण से परिष्कृत करती इस विश्वस्तरीय साझा कृति में कुल 111 रचनाकारों ने 117 छंदों के माध्यम से योगदान दिया है। इसका संपादन डॉ. इंद्राणी साहू, डॉ. पद्मा साहू व डॉ. नीरामणि श्रीवास ने नेतृत्वकर्ता रूप में किया। इसमें छत्तीसगढ़ ही नहीं, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश जैसे अन्य राज्यों से भी सक्रिय सहभागिता रही।
अंजना सिन्हा ‘सखी’, रायगढ़ को उनके अतुलनीय योगदान और लेखन की सृजनात्मक साधना हेतु पाँचवीं बार गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया। समस्त साहित्य प्रेमियों व स्नेहीजनों ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।