सरदार पटेल स्मृति द्वार का नामकरण बदलने और शिवदयाल चौरसिया स्मृति द्वार तोड़ने को लेकर भाजपा नेत्री ने विरोध प्रदर्शन किया।

बस्ती जिले में बाबू शिव दयाल सिंह चौरसिया के नाम पर बने स्मृति द्वार को लेकर राजनीति तेज हो गई है,इस मुद्दे ने सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक सियासी हलचल पैदा कर दी है,समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रोली सिंह ने स्मृति द्वार निर्माण पर निशाना साधते हुए इसे ‘राजनीतिक विभाजन’ का प्रतीक बताया,उन्होंने कहा कि महापुरुषों का नाम लेकर समाज को बांटने की कोशिश दुखद है।

उन्होंने बताया कि सदर विधायक महेंद्रनाथ यादव ने अपनी विधायक निधि से बाबू शिव दयाल सिंह चौरसिया स्मृति द्वार बनवाया था लेकिन सदर विधायक पर दो महापुरुषों और दो जातियों को आपस में लड़ाने का गंभीर आरोप लगाया है।

रोली सिंह के नेतृत्व में सरदार वल्लभभाई पटेल स्मारक द्वार पर एक विशाल जनसंवाद एवं विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया,इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधायक पर राजनीतिक लाभ के लिए समाज में तनाव फैलाने का आरोप लगाया।

रोली सिंह ने सवाल उठाया, “जब चौराहे का नाम सरदार पटेल के नाम पर किया गया था, तब कोई विवाद नहीं हुआ। अब स्मृति द्वार बनवाकर आखिर दो जातियों को लड़ाने की कोशिश क्यों की जा रही है।उन्होंने मांग किया कि सरदार पटेल चौराहे को पटेल चौराहा और बाबू शिवदयाल सिंह चौरसिया के स्मृति द्वार को चौरसिया समाज के लोगों की सहमति से अन्य किसी चौराहे पर लगाना चाहिए जिससे दोनों महापुरुषों के सम्मान में किसी अन्य उचित स्थान पर स्मृति द्वार बनाना चाहिए जिससे दो जातियों का टकराव और महापुरुषों का अपमान न हो लेकिन यह कार्य काफी निंदनीय है।

Amit Kumar Singh
Author: Amit Kumar Singh