2 पूर्व विधायक,2 पूर्व प्रमुख सहित 6 को जेल
बस्ती एमपीएमएल कोर्ट ने 2003 के एमएलसी चुनाव ने मारपीट मामले पूर्व विधायक संजय जयसवाल, पूर्व विधायक आदित्यविक्रम सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख त्र्यंबक पाठक, पूर्व ब्लॉक प्रमुख महेश सिंह, अशोक सिंह और इरफान को तीन साल की सजा सुनाई है, आप को बता दें पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह की पत्नी कांचना सिंह सपा से एमएलसी की प्रत्याशी थी और बीजेपी से मनीष जयसवाल एमएलसी के प्रत्याशी थे, चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मनीष जयसवाल चुनाव जीते थे, 3 दिसम्बर 2003 को मतगणना के दौरान सपा प्रत्याशी कांचना सिंह और उनके समर्थकों ने तत्कालीन डीएम अनिल कुमार द्वितीय पर चुनाव की मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए मतगणना स्थल पर डीएम से अभद्रता का आरोप लगा, जिस मामले में प्रशासन ने 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसकी सुनवाई लोवर कोर्ट में लगातार चल रही थी, लोवर कोर्ट में गवाही पूरी होने के बाद 6 आरोपियों को तीन साल की सजा सुनाई, सजा के खिलाफ सभी मुलजिम एमपीएमएल कोट गए जहां पर कोर्ट ने लोवर कोर्ट की तीन साल की सजा को बरकरार रखा और सभी आरोपियों को हिरासत ने लेने का आदेश दिया, पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर सभी मुलजिमों को हिरासत में ले लिया, हिरासत में लेने के बाद इनको जेल भेज दिया गया है
2003 में सपा एमएलसी प्रत्याशी ककँचना सिंह की मुकदमे के दौरान मौत हो चुकी है, उनके पति पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह पैरालिसिस की वजह से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है, बाकी 5 मुलजिमों को कोर्ट के आदेश पर हिरासत में ले लिए गया है, पूर्व विधायक संजय जयसवाल उस समय सपा प्रत्याशी कँचना सिंह के सपोर्ट में थे बाद में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर एमएलए का चुनाव जीता उस के बाद बीजेपी के टिकट पर रूधौली विधानसभा से चुनाव जीते बीते विधानसभा चुनाव में संजय जयसवाल बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और चुनाव हार गए थे। वहीं त्र्यंबक नाथ पाठक पिछले विधानसभा चुनाव ने हर्रया विधानसभा से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और चुनाव हार गए थे, महेश सिंह लगातार गौर ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं, कोर्ट के तीन साल की सजा सुनाई जाने के बाद अब इन नेताओं के राजनैतिक भविष्य पर ब्रेक लग गया अब यह लोग चुनाव नहीं लड़ सकेंगे
एमपीएमएलए कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता देवानंद सिंह ने बताया कि 2003 ने एमएलसी चुनाव में मतगणना को लेकर मारपीट हुई थी, जिस मामले में लोवर कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी, जिसको एमपीएमएल कोर्ट ने बहाल रखा, अब सभी आरोपी जेल जाएंगे, हाई कोर्ट में यह लोग जमानत के लिए अपील कर सकते हैं,