– एनआईए की विशेष अदालत ने लखनऊ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी को सुनाई सजा
राष्ट्रीय जांच एजेंसी- एनआईए की लखनऊ स्थित एक विशेष अदालत ने आज हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के एक आतंकी को आतंकी साजिश मामले में सश्रम कारावास और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
असम के होजाई जिले के कमरूज जमान को उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले करने की आपराधिक साजिश में दोषी करार देकर विशेष अदालत ने जेल भेज दिया है।
सितंबर 2018 में एटीएस लखनऊ से जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने मामले को फिर से दर्ज किया था। मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इनमें एक फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद भी शामिल था, जिसे बाद में सितंबर 2019 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया था।
एनआईए की जांच में पाया गया कि आरोपी कमरूज जमान ने सह-आरोपियों के साथ मिलकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश रची थी और विभिन्न हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने के उद्देश्य से तैयारी की थी। वह धन जुटाने में भी शामिल था, यह जानते हुए कि धन का इस्तेमाल एचएम सदस्यों द्वारा आतंकवादी कृत्यों के लिए किया जाएगा।
जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कमरूज जमान को आरोपी ओसामा बिन जावेद ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन एचएम में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाया था। दोनों को दो सक्रिय आतंकवादियों ने हिज्बुल मुजाहिद्दीन में भर्ती किया था। इनमें हिज्बुल मुजाहिद्दीन का जिला कमांडर मोहम्मद अमीन और हिज्बुल मुजाहिद्दीन का जिला डिप्टी कमांडर रियाज अहमद उर्फ हजारी शामिल हैं। दोनों किश्तवाड़ (जम्मू-कश्मीर) के रहने वाले हैं। हिज्बुल मुजाहिद्दीन के दोनों आतंकवादी किश्तवाड़ के जंगलों में कमरूज जमान और ओसामा बिन जावेद को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने में भी शामिल थे। इसके बाद कमरूज जमान को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए यूपी, असम और भारत के अन्य हिस्सों में ठिकाने, और चुनिंदा लक्ष्य बनाने का निर्देश दिया गया था।