लिटिल फ्लावर्स स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया विजयादशमी का पावन पर्व

बस्ती ( अवध लाईव न्यूज़ ) आज दिनांक 30 सितम्बर दिन बुधवार को लिटिल फ्लावर्स स्कूल, बस्ती के पावन प्रांगण में शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर प्री प्राइमरी की शिक्षिकाओं के ‌द्वारा संक्षिप्त राम लीला का सजीव मंचन किया गया। जिसे देखकर सभी बच्चे भाव-विभोर हुए।

कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रबंधक श्री सुरेंद्र प्रताप सिंह जी ने श्रद्‌धापूर्वक दीप प्रज्ज्वलन, नव दुर्गा की आरती तथा माँ सरस्वती की पावन प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए पूजन अर्चन किया। समस्त कार्यक्रम में प्रबंधक महोदय के साथ विद्यालय की प्रधानाचार्या श्री मती अपर्णा सिंह जी ने अपनी सहभागिता दर्ज किया।

रामलीला के अन्तर्गत वनवास से लेकर रावण वध तक की लीला प्रस्तुत की गई। जिसमें मुस्कान, शिवांगी और अंशिका ने राम, लक्ष्मण और सीता का सजीव मंचन कर आदर्श रूप को प्रस्तुत किया। वहीं अनीता और खुशबु ने कैकेयी और दशरथ का अभिनय कर लोगों को भाव-विभोर किया।

सोनी और सुहानी ने रावण और शूर्पणखा का आकर्षक मंचन प्रस्तुत कर सबको भयभीत किया। कार्यक्रम में राम के ‌द्वारा रावण का संहार कर लोगों को संदेश दिया गया कि हमेशा अधर्म पर धर्म की, असत्य पर सत्य की तथा अन्याय पर न्याय की विजय होती है। अंत में विद्यालय के प्रबंधक महोदय द्वारा रावण के पुतले का दहन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान प्रबंधक महोदय ने राम के संक्षिप्त चरित्र पर प्रकाश डालते हुए सभी बच्चों को संदेश दिया कि रामायण हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने राम के संघर्षों का उदाहर‌ण देते हुए संदेश दिया कि हमें समस्याओं से ऊबना नहीं बल्कि समस्याओं से जूझना चाहिए। उन्होंने विजयादशमी एवं नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए सभी के मंगल कामना किया। कार्यक्रम का समापन विद्यालय की प्रधानाचार्या के सम्बोधन से हुआ। उन्होंने नवरात्रि पर चर्चा करते हुए नारी शक्ति पर प्रकाश डाला और कहा कि प्रतिमा में भगवान हो या न हो किन्तु प्रति ‘माँ’ में भगवान जरूर होते हैं इसलिए हमें माता पिता का सदैव सम्मान करना चाहिए। अंत में उन्होंने कहा की अन्याय मार्ग पर चलने से हमारी रावण जैसी ही दुर्दशा होती है उन्होंने विजयादशमी एवं नवरात्रि की शुभकामना देते हुए कहा ‘अन्याय मार्ग पर चलने से दस शीश कटा दस कंधर का,

कैलाश पहाड़ उठाने वाला पाँव उठा न पाया बंदर का।

‘एक और युद्ध में राजा था,

एक ओर खड़ा था बनवासी,

वह मर्यादा पुरुषोत्तम था,

राजा से जीता संन्यासी’

इस अवसर पर पूजा, शिवाली, सौम्या, मधु सिंह, श्रद्धा सिंह, रुचि, अर्पिता, कोमल, शशि, साक्षी, तन्मय, राजमणि, प्रीति अस्थाना आदि शिक्षक-शिक्षिकाओं की गरिमामयी उपस्थिति मौजूद रही।

Amit Kumar Singh
Author: Amit Kumar Singh