मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 43 वें रामायण मेले का उद्घाटन किया

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 43 वें रामायण मेले का उद्घाटन किया

500 वर्ष पहले बाबर के सिपहसालार,संभल और बांग्लादेश में हो रही घटना की प्रकृति एक और एक ही डीएनए,है।

 

अयोध्या/डॉ राम मनोहर लोहिया के विचारों पर आधारित 43 वें रामायण मेले का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया,चार दिवसीय रामायण मेले में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन पर आधारित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ मानस मर्मज्ञों की गोष्ठी और प्रवचन भी होंगे,श्री योगी ने उद्घाटन संबोधन में कहा कि हमारी आपसी एकता में बाधा पैदा करने वालों के कारण ही विदेशी आक्रांता सफल हुए,उन्होंने कहा कि आज उन्हीं लोगों के जो जींस है,वे आज भी है,जो जाति आधारित राजनीति करके समाज के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने का प्रयास कर रहे हैं,ऐसे में गलतफहमी में मत रहिएगा कि अयोध्या में 500 वर्ष पहले जो बाबर के सिपहसालार ने किया,जो संभल में हो रहा है और जो बांग्लादेश में हो रहा है,तीनों की प्रकृति एक है,तीनों का डीएनए एक जैसा है,उन्होंने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया से एक पत्रकार ने भारत की एकता पर जब प्रश्न किया, तो उन्होंने कहा की जब तक भारत मे राम,कृष्ण और शिव तीन आराध्यों पर आस्था बनी रहेगी भारत का कोई बाल बांका भी नहीं कर सकेगा, मुख्यमंत्री ने कहा की लोहिया जी एक आदर्शवादी पुरुष थे और स्पष्ट कहा करते थे,सच्चा समाजवादी वही है,जो संपत्ति और संतति के मुंह से मुक्त रहे किंतु आज की समाजवादी पार्टी तो परिवारवादी हो गए हैं और माफिया के साथ ही अपराधियों के बगैर इनकी जिंदगी जल बिन मछली हो जाती है,उन्होंने कहा यह समाजवादी जरूर बनते हैं किंतु डॉक्टर लोहिया के एक भी आदर्श का अनुसरण नहीं करते, मुख्यमंत्री ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि,,गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली के साथ ही चित्रकूट का भी विकास किया जाएगा और रामायण मेल को भव्यता प्रदान करते हुए देश के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए विकास कार्य आगे बढ़ते रहेंगे, उन्होंने रामायण मेले में शासन स्तर से हर तरह का सहयोग करने की बात करते हुए कहा कि रामायण पर और शोध की आवश्यकता है। उद्घाटन के अवसर पर रामायण मेला समिति के सभी पदाधिकारी,अयोध्या के संत गण और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, राम कथा पार्क में रामायण मेला चार दिन तक अनवरत जारी रहेगा।

Amit Kumar Singh
Author: Amit Kumar Singh