डॉ. राम कृष्ण लाल जगमग साहित्य गौरव’ पुरस्कार से अलंकृत

बस्ती । राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उ.प्र. द्वारा वरिष्ठ कवि डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ के साहित्यिक योगदान के लिये उन्हें ‘साहित्य गौरव’ पुरस्कार से अलंकृत किया गया। उप मुख्यमंत्री व्रजेश पाठक ने लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों की उपस्थिति में अलंकृत किया।

पिछले पांच दशक से साहित्य के क्षेत्र में निरन्तर सक्रिय और ‘चाशनी’ से लेकर ‘ किसी की दिवाली किसी का दिवाला’ विलाप खण्ड काव्य, ‘हम तो केवल आदमी है’ ‘ सच का दस्तावेज’ खुशियों की गौरैया, ‘बाल सुमन’ बाल स्वर, आदि कृतियों के रचयिता डॉ. जगमग कृत चांशनी का अब तक 6 संस्करण प्रकाशित हो चुका है।

डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ को ‘साहित्य गौरव’ पुरस्कार से अलंकृत किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये चिकित्सक एवं साहित्यकार डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि डा. जगमग ने जहां स्वयं अनेकों कृतियां समाज को दिया वहीं वे पूर्वान्चल में समर्थ कवियों की पीढी तैयार कर रहे हैं. निश्चित रूप से यह कठिन कार्य है, नई पीढी उनसे बहुत कुछ सीख सकती है। डा. जगमग का रचना संसार जन सरोकारों से जहां सीधा जुड़ा है वहीं उनके कटाक्ष और तीखे व्यंग्य श्रोताओं की जुबान पर चढ़े हुये है। चाशनी अनूठी कृति है जिसकी उपयोगिता सदैव बनी रहेगी। वे चाशनी से ही दुमदार दोहोें के जनक माने जाते हैं। वरिष्ठ कवि महेश प्रताप श्रीवास्तव ने कहा कि डा. जगमग से साहित्य जगत को बहुत अपेक्षायेें हैं, निश्चित रूप से वे इस पर खरा उतरेंगे।

सम्मान से अभिभूत डा. जगमग ने कहा कि उन्होने जिस तरह से जीवन को देखा उसे शव्दों में उतार दिया. यह क्रम अनवरत जारी है। पुरस्कारों से और बेहतर सृजन की क्षमता मिलती है।

डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ को सम्मानित किये जाने पर ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ‘दीपक’ विनोद कुमार उपाध्याय, डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, बी.के. मिश्र, डा. अफजल हुसेन ‘अफजल’, पेशकार मिश्र, अर्चना श्रीवास्तव, दीपक सिंह प्रेमी, शाद अहमद शाद, जगदम्बा प्रसाद ‘भावुक’ डा. अजीत श्रीवास्तव, डा. हेमा पाण्डेय, डा. सुशील सागर, डा. आर.जी. सिंह आदि ने प्रसन्नता व्यक्त किया है।

Amit Kumar Singh
Author: Amit Kumar Singh