माइंड रीडिंग कला है, चमत्कार नहीं- ढोंगियों से सावधान रहें

अनुमान से नहीं, भक्ति से बनते हैं हनुमान- महंत एकनाथ महाराज

बस्ती ( दैनिक अनुराग लक्ष्य ) ओजस्वी फाउंडेशन के अध्यक्ष राजर्षि महंत एकनाथ महाराज ने कहा कि माइंड रीडिंग एक कला है, न कि कोई चमत्कार। जो विद्यार्थी इस विद्या को सीखते हैं, उन्हें सबसे पहले मनुष्य की बॉडी लैंग्वेज को पढ़ने और समझने का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह पूरी तरह अनुमान और अभ्यास पर आधारित होती है, जिसे मनोरंजन के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इस विद्या के जानकार स्वयं यह स्वीकार करते हैं कि यह कोई चमत्कार नहीं, बल्कि एक मानसिक कला है। वे बनकटी विकास खण्ड के थाल्हापार गांव में लक्ष्मण तिवारी के आवास पर आयोजित एक सतसंग में विचार व्यक्त कर रहे थे।

उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि आज कुछ लोगों ने इसी अनुमान विद्या को “हनुमान” का रूप दे दिया है। भगवा पहनकर, माइंड रीडिंग के नाम पर पर्चियों के माध्यम से लोगों को यह विश्वास दिलाया जा रहा है कि वे चमत्कार कर सकते हैं। यह न केवल धर्म का अपमान है, बल्कि श्री हनुमानजी की भक्ति की मर्यादा का भी हनन है।

महंत एकनाथ महाराज ने स्पष्ट किया कि हनुमान अनुमान से नहीं बनते, हनुमान तो प्रभु श्रीराम की अखंड भक्ति, तप और समर्पण से बने हैं। वे अंजनी माता की कोख से जन्म लेकर धरती पर आए, और उन्होंने अपना जीवन केवल श्रीराम की सेवा और धर्म की रक्षा को समर्पित कर दिया। आज इन पाखंडियों द्वारा ष्अनुमान को हनुमानष् बनाना धर्म और समाज दोनों के लिए खतरे की घंटी है।

उन्होंने धर्मगुरुओं और सरकार से अपील की कि इस बढ़ते अंधविश्वास और पाखंड के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं और जनता को भ्रमित करने वाले ढोंगियों को उजागर किया जाए।

Amit Kumar Singh
Author: Amit Kumar Singh