कटरा पानी टंकी के पास बनकर आवंटित की गईं 20 दुकानें
वेंडिंग जोन बनाने की पहल, 1200 दुकानों के लिए चिह्नित हुआ था स्थल
बस्ती। शहर में अव्यवस्थित पटरी दुकानों के चलते फैली अव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नगर पालिका ने तरीका ढूंढ लिया है। पालिका की खाली जमीनों पर टिन की गुमटियां बनाकर आवंटित की जा रही हैं। कटरा क्षेत्र में ऐसी 20 दुकानें बनाकर आवंटित की जा चुकी हैं। अब जीआईसी के गेट के बाहर भी उसी तरह की दुकानें बनाने की योजना है। प्रति दुकान एक लाख 70 हजार रुपये में आवंटित हुई है। ईओ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि शहर की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
शहर में रेहड़ी दुकानदारों की दुकानें अनियमित सज रही है। जहां जी चाहा वहीं सब्जी, फल, चाट-खोंचे की दुकान सजा दी जाती हैं। इससे शहरीयों को रोज जाम से जूझना पड़ रहा है। पांच साल पहले नगर पालिका की ओर से वेंडिंग जोन स्थापित करने की पहल हुई थी। मगर, पूरी कवायद स्थल चिह्नित करने तक सिमट कर रह गई। इसके बाद प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। चिह्नित स्थलों पर न तो दुकान बनवई और न ही रेहड़ी दुकानदारो को जगह का आवंटन किया गया विज्ञापन..
शहर में ठेले-गिमटी एवं फुटपाथ पर चलने वाला असंगठित कारोबार अनियमितता की भेंट चढ़ गया है। इनके लिए निर्धारित स्थल नहीं है। नगर पालिका की तरफ से तीन जगहों पर वेंडिंग जोन चिह्नित किए गए हैं। यहां रेहड़ी दुकानदारों के लिए 1200 दुकानों की व्यवस्था बननी थी। इससे काफी हद तक शहर खाली हो जाता। ऊपर से खाली जगहों की उपयोगिता भी होती।
सिविल लाइंस स्थित उद्यान विभाग की चहारदीवारी पर दुकानों के लिए नंबरिंग तक कर दी गई थी। जीआईसी और आईटीआई परिसर के बाहर सड़क से चहारदीवारी के बीच की जगह खाली करा ली गई थी। यहां रखी गईं गुमिटयों को हटवा दिया गया था। इसी के बाद कवायद ठप हो गई। पूरी प्रक्रिया कागज में कैद हो गई। इन स्थलों पर न तो दुकान बनवाए गए और न ही खाली जगह का आवंटन किया गया। ऐसे में रेहड़ी कारोबार जस की तस स्थिति में है।
यहां सज रही सड़क पर मंडी
कचहरी क्षेत्र का हिस्सा दिन में तीन बजे के बाद सब्जी, फल एवं चाट-पकौड़े की दुकानों से भर जा रहा है। सड़क के दोनों तरफ फुटपाथ पर पन्नी और दरी बिछाकर सब्जी की दुकानें सज जाती हैं। इसके आगे सड़क तक ठेले लग रहे हैं। सड़क सिकुड़कर आधी हो जा रही है। इन दुकानों के चलते शास्त्री चौक, कंपनीबाग, कटरा की रौनक छिन गई है। गांधीनगर और रोडवेज पर सड़क तक ठेला दुकानदारों का कब्जा रहता है। यहां शाम के वक्त पैदल चलना दुश्वार है। रोडवेज गेट के सामने एवं नेहरू तिराहे पर एक तरफ चाट-खोंचे, मोमो आदि के ठेले लग रहे हैं तो दूसरी ओर सब्जी की दुकानें सज रही हैं।